tag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post7743656187433150449..comments2023-10-30T15:07:23.924+05:30Comments on अंतर्नाद : ये दर्द रोज कम होता जा रहा है !!ओम आर्यhttp://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-43590032943941285862010-02-09T09:42:09.719+05:302010-02-09T09:42:09.719+05:30kuchh roohen...................lagaataar.
bahut u...kuchh roohen...................lagaataar.<br /><br />bahut umda abhivyakti. wah.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-30831783188793145302010-01-01T14:16:25.514+05:302010-01-01T14:16:25.514+05:30"ये दर्द रोज कम होता जा रहा है !!"kanjus..."ये दर्द रोज कम होता जा रहा है !!"kanjusi se kharach kare to kabhi kam na hoga...डिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-57152564531894516062009-12-31T23:11:11.975+05:302009-12-31T23:11:11.975+05:30वर्ष नव-हर्ष नव-उत्कर्ष नव
-नव वर्ष, २०१० के लिए अ...वर्ष नव-हर्ष नव-उत्कर्ष नव<br />-नव वर्ष, २०१० के लिए अभिमंत्रित शुभकामनाओं सहित ,<br />डॉ मनोज मिश्रडॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-63183993313434943382009-12-30T10:42:35.897+05:302009-12-30T10:42:35.897+05:30इन बिम्बों में उलझ कर मन है कि कहाँ-कहाँ भटक आया ह...इन बिम्बों में उलझ कर मन है कि कहाँ-कहाँ भटक आया है....गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-77361777852941414832009-12-29T21:00:19.363+05:302009-12-29T21:00:19.363+05:30sunder abhivyakti. badhaai.sunder abhivyakti. badhaai.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-62490229821903832792009-12-29T20:37:31.838+05:302009-12-29T20:37:31.838+05:30पर जब भी सोंचता हूँ कि ये जो दर्द है हिज्र का
वो भ...पर जब भी सोंचता हूँ कि ये जो दर्द है हिज्र का<br />वो भी चला गया तो ...<br />तो ऐसे हीं ख्याल आते हैं...<br />और ये दर्द है कि रोज कम होता जा रहा है !!<br /><br />सुन्दर अति सुन्दर ...IMAGE PHOTOGRAPHYhttps://www.blogger.com/profile/07648170539684419518noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-74463638182239007812009-12-29T17:30:48.620+05:302009-12-29T17:30:48.620+05:30यह दर्द भी जीना सीखाता है...संभाले रखीये...खुद में...यह दर्द भी जीना सीखाता है...संभाले रखीये...खुद में में बहा ले जाने का सामर्थ्य रखती हैं आप की रचनाएँ.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-36417193129172953212009-12-29T16:12:15.576+05:302009-12-29T16:12:15.576+05:30बहुत दिनों के आवारा आचरण के बाद कल से ब्लॉग देखे ह...बहुत दिनों के आवारा आचरण के बाद कल से ब्लॉग देखे हैं, मगर आपकी इस कविता का आनंद पहले भी ले चुका हूँ तब मुझे लगा कि कविता पर काम करना बाकी है, और शायद आपकी व्यस्तता का परिणाम है तो बिना कुछ कहे चला गया था. आज अभी इसे फिर से देखा है. आपकी प्रकृति के अनुकूल ही है कविता, बहुत एब्सट्रेक्ट और नए बिम्बों के साथ.के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-29957067381326544082009-12-29T11:05:31.324+05:302009-12-29T11:05:31.324+05:30हमेशा की तरह इस बार भी बेहतरीन रचना ।हमेशा की तरह इस बार भी बेहतरीन रचना ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-21987856327365165092009-12-28T14:14:15.595+05:302009-12-28T14:14:15.595+05:30पहले प्रेम था
फिर जिस्म बनी
अब एक बिस्तर बन कर को...पहले प्रेम था <br />फिर जिस्म बनी<br />अब एक बिस्तर बन कर कोने में पड़ा रहता है<br />जिसे मैं<br />वक़्त-बेवक्त पहन लेता हूँ... ओढ़ लेता हूँ, बिछा लेता हूँ....सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-38207829999656105732009-12-28T13:06:02.723+05:302009-12-28T13:06:02.723+05:30भावुक मन के सुंदर उदगारभावुक मन के सुंदर उदगारअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-18988335855026270372009-12-28T04:54:12.357+05:302009-12-28T04:54:12.357+05:30पर जब भी सोंचता हूँ कि ये जो दर्द है हिज्र का
वो भ...पर जब भी सोंचता हूँ कि ये जो दर्द है हिज्र का<br />वो भी चला गया तो ...<br />दर्द का सम्बन्ध तो आस से है. निराश व्यक्ति को दर्द नही होता. दर्द के कम होने का यह दर्द वाकई मार्मिक है. हथेलियाँ छुए न छुए इस रचना ने तो छू लिया.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-86620516581014526212009-12-28T02:19:22.700+05:302009-12-28T02:19:22.700+05:30आनन्द आ गया पढ़कर.आनन्द आ गया पढ़कर.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-91576314252335424152009-12-27T18:55:03.105+05:302009-12-27T18:55:03.105+05:30ओम जी ,
तुम चली गई हो
कबूल करता है ये मन अब,
यह ह...ओम जी ,<br />तुम चली गई हो<br />कबूल करता है ये मन अब,<br />यह हथेली भी अब मान गई है और काम चला लेती है बिना तेरे स्पर्शों के <br />पर जब भी सोंचता हूँ कि ये जो दर्द है हिज्र का<br />वो भी चला गया तो ...<br />तो ऐसे हीं ख्याल आते हैं...<br />और ये दर्द है कि रोज कम होता जा रहा है !!<br /><br />बहुत ही संवेदनशील रचना..एहसासों को खूबसूरत शब्दों में बांधा है.... बधाई <br /><br /><br /><br />नव वर्ष की शुभकामनायेंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-44385643150003856212009-12-27T13:45:30.720+05:302009-12-27T13:45:30.720+05:30तुम चली गई हो
कबूल करता है ये मन अब,
यह हथेली भी अ...तुम चली गई हो<br />कबूल करता है ये मन अब,<br />यह हथेली भी अब मान गई है <br />और काम चला लेती है <br />बिना तेरे स्पर्शों के ...<br /><br /> कमाल की बात लिखी है ...... ये दिल ही तो है जो मानता नही किसी भी बात को ......... और अगर दिल कबूल कर ले तो फिर आसान हो जाता है जीवन ........ आसान हो जाती है राह ......... दर्द भी कम होने लगता है ......... हमेशा की तरह लाजवाब ओम जी .........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-62297706751676962872009-12-27T13:16:49.920+05:302009-12-27T13:16:49.920+05:30आखें जाग कर नींद देखने.. से आगे तो हर पंक्ति गजब क...आखें जाग कर नींद देखने.. से आगे तो हर पंक्ति गजब की है॥ओम आर्य जी<br /><a href="http://kulwant84.blogspot.com/2009/12/blog-post_3953.html" rel="nofollow">एनडी तिवारी के नाम खुला</a>Kulwant Happyhttps://www.blogger.com/profile/04322255840764168300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-68613457594034375222009-12-27T12:56:15.349+05:302009-12-27T12:56:15.349+05:30boht sundar om ji.boht sundar om ji.सुरेन्द्र "मुल्हिद"https://www.blogger.com/profile/00509168515861229579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-76784322358529399192009-12-27T12:14:10.764+05:302009-12-27T12:14:10.764+05:30बस देखिएगा ये ये दर्द भी कम हो गया तो जीना और भी ...बस देखिएगा ये ये दर्द भी कम हो गया तो जीना और भी मुश्किल हो जायेगा ओम जी ....इसे संभाले रखियेगा .......गज़ब की फीलिंग्स .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-38473071519019177532009-12-27T12:08:58.177+05:302009-12-27T12:08:58.177+05:30वाह बहुत सुंदर.
नया साल मुबारक हो।वाह बहुत सुंदर.<br />नया साल मुबारक हो।Raj Singhhttps://www.blogger.com/profile/05954312257191849695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-59146492870425882272009-12-27T11:50:12.431+05:302009-12-27T11:50:12.431+05:30Now you are writing something original !Now you are writing something original !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-58084965803353108252009-12-27T11:47:17.725+05:302009-12-27T11:47:17.725+05:30वाह बहुत सुंदर.वाह बहुत सुंदर.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-8931499426733983802009-12-27T11:12:33.826+05:302009-12-27T11:12:33.826+05:30क्या बात है ओम भाई , आये तो आये दुरुस्त आये , बहुत...क्या बात है ओम भाई , आये तो आये दुरुस्त आये , बहुत खुब ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-10120854972114020632009-12-27T10:28:56.938+05:302009-12-27T10:28:56.938+05:30बहुत दिन बाद नज़र आये आप मौन के खाली घर से दूर रहे ...बहुत दिन बाद नज़र आये आप मौन के खाली घर से दूर रहे हम भी तभी शायद खुद से भी दूर रहे। आपकी रचना कमाल की है<br />तुम चली गई हो<br />कबूल करता है ये मन अब,<br />यह हथेली भी अब मान गई है<br />और काम चला लेती है<br />बिना तेरे स्पर्शों के ...<br />पता नहीं कैसे एक संवेदना के लिये इतने शब्द बुन कर इसमे ऐसा दर्द डाल देते हैं कि दिल को छू जाती है रचना बहुत बहुत बधाई नया साल मुबारक हो। आशीर्वादनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7767988490719036904.post-18824030715904294532009-12-27T10:23:27.797+05:302009-12-27T10:23:27.797+05:30तुम चली गई हो
कबूल करता है ये मन अब,
यह हथेली भी अ...तुम चली गई हो<br />कबूल करता है ये मन अब,<br />यह हथेली भी अब मान गई है <br />और काम चला लेती है <br />बिना तेरे स्पर्शों के ...<br /><br />बहुत सुंदर पंक्तियाँ..... दिल को छू गयीं...... आपकी रचनाएँ..... दिल के अन्दर तक छू लेतीं हैं......डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.com