Wednesday, August 5, 2009

तुम आ कर मना लो ना !

लाख शब्द जोड़े
धुन जगाया
सजायीं स्वरलिपियाँ
पर बोल बजे नहीं

चुप बैठे हैं सारे गीत
आवाज जैसे रूठ गई हो

तुम आ कर मना लो ना !

37 comments:

Akshitaa (Pakhi) said...

Bahut sundar kavita..achhi lagi.

Happy Rakhi.

पाखी की दुनिया में देखें-मेरी बोटिंग-ट्रिप !!

Unknown said...

sundar
atisundar............
sajili,
sanvarili
utkrisht kavita
______________abhinandan !

शरद कोकास said...

बहुत सुन्दर प्रेम कविता है.. गुलज़ार साहब ने भी लिखा है मेरी आवाज़ ही पहचान है ..

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

... छोटी पर सुन्दर कविता |

M VERMA said...

बहुत हल्के से छू दिया आपने मर्म को --
नाजुक कविता का उदाहरण ---
बहुत खूब

Udan Tashtari said...

सुन्दर भावपूर्ण.

वाणी गीत said...

रूठने वालों ..अब मना भी लो ..
बहुत सुन्दर ..!!

Yogesh Verma Swapn said...

bada pyaara nimantran, bhavpurna.

sunder rachna ke liye badhaai om ji,

डिम्पल मल्होत्रा said...

boht sunder ek baar mnane ki chaht...so baar agar tum rootth gye,hum tumko mna hi lete the,ek baar agar hum rotth gye tum humko mnaana kya jano.....

seema gupta said...

नाजुक एहसास की सुंदर और भावपूर्ण प्रस्तुती...

regards

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

सुन्दर कविता

belated happy friendship day :)

Meenu Khare said...

लाजवाब, कितना सार्थक लिखा है,भावपूर्ण.
........ लाजवाब प्रेम कविता .....बहुत अच्छा लिखा है.

निर्मला कपिला said...

दिल को छूती बहुत सुन्दर और प्यारी सी अभिव्यक्ति गागर मे सागर है शुभकामनायें

Mithilesh dubey said...

वाह-वाह, लाजवाब रचना। लाजवाब लिखते है भाई।

सदा said...

चुप बैठे हैं सारे गीत, बहुत ही सुन्‍दर भाव लिये बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

Urmi said...

वाह बहुत सुंदर! बड़े ही नाज़ुक शब्दों में आपने इतने ख़ूबसूरत रूप से प्रस्तुत किया है की जवाब नहीं!

vandana gupta said...

waah .............bahut khoob bhav.

Science Bloggers Association said...

ab to unhe manaanaa hi chaahiye.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

कंचन सिंह चौहान said...

khoooooooob...!

रश्मि प्रभा... said...

aa bhi jao,soye lamhon ko jaga jao............

praveenparashar said...

bahut uumda hai jii badiya

वन्दना अवस्थी दुबे said...

अरे!!!क्या लिख देते हैं आप!!!

Himanshu Pandey said...

"सजायी स्वरलिपियाँ / पर बोल बजे नहीं "

खूबसूरत प्रयोग शब्दों का । लघु पर पर्याप्त रचना ।

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

om ji bahut he uttam likha hai aapne, main aapka follower ban gaya hoon so aata rahunga.
aap mujhe apna email address de dijiye....
shukriya....

Vinay said...

बहुत ही सुन्दर रचनात्मक भाव
---
'विज्ञान' पर पढ़िए: शैवाल ही भविष्य का ईंधन है!

jamos jhalla said...

kayaa khubsoorat shikvaa shikaayat bharaa moun aagrah.badhaai.
angrezi-vichar.blogspot.com
jhalli-kalam-se

अर्चना तिवारी said...

आह ! कितना निर्दयी है वो जो आपको नहीं मन रहा...बहुत सुंदर

Vallabh said...

bhai vaah...
mai to yahi sochta hun ki, sadhe hue kuchh shabdon me kaise laate hain itne gahre vichar...

ज्योति सिंह said...

bahut badhiya likha hai .

संध्या आर्य said...

एक प्यारा मनुहार .......यही तो आपकी रचना की खुबसूरती है ....

संध्या आर्य said...
This comment has been removed by the author.
डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

tum aakar manaa lo na.......



bahut hi behtarreen........

speechless.......

सौरभ के.स्वतंत्र said...

बोल दीजियेगा गीतार लेकर आयें..शायद उसके धून पर बांछे खिल जाएँ..

Dileepraaj Nagpal said...

Ati Sunder Rachna Sir Jee

nanditta said...

अति सुन्दर

दिगम्बर नासवा said...

"AANE SE UNKE AAYE BAHAAR".......... SWAR BHI TO UNKE AANE SE HI AATE HAIN......... LAJAWAAB, MOHAK LIKHA HAI...

vallabh said...

कत्ल कहीं हुआ अफवाह ये सुनी
मालूम हुआ मेरा दिल हलाल हुआ है

ये पंक्तियाँ तो सबसे ज्यादा कातिल हैं...
बधाई...