सिर्फ उस क्षण के लिए,
जब वो देखती हो मेरी आँखों में
उसे वहां प्यार न दिखे
इतना सामर्थ्य दो मुझे बस,
बस इतना करो.
मैं चाहता हूँ
वो भी गुजरे उस स्थिति से,
जिससे मैं गुजरता हूँजब वो देखती हो मेरी आँखों में
उसे वहां प्यार न दिखे
इतना सामर्थ्य दो मुझे बस,
बस इतना करो.
मैं चाहता हूँ
वो भी गुजरे उस स्थिति से,
35 comments:
वो भी गुजरे उस स्थिति से, बहुत ही सुन्दर दिल को छूते शब्दों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति, आभार्
pyar aur bhavnaon se bhare sandesh wahak geet me to aapka jawab nahi.
ek baar fir behtar..kavita..
badhayi..om ji
वो भी गुजरे उस स्थिति से
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shayad isi bahane wo hamara haal samajh paaye
-Sheena
दिल का दर्द कहने के लिये लाजवाब अभिव्यक्ति शुभकामनायें्
wow........kitne anokhe dhang se dard ki prastuti ki hai..........lajawaab.
manvaa me utar gayi rachnaa............
aanand se bhar gayi rachnaa.........
आज शब्दों मे अलग खुमारी सी है ....लगता है शब्द नाराज़ हैं ...
bahut sundar
आपकी तड़प ओम जी ,आपके शब्दों में ,..............कुछ हो न हो आपके पास ज़िन्दगी रोज़ बतियाने ज़रूर आती होगी ..............ऐ ज़िन्दगी गले लगा ले ...............आपकी रचनाओं के लेबल आपके काव्यशास्त्र का प्रमाण हैं .........आपके मिज़ाज़ का हमें आहिस्ता से अहसास होता हैं ............
aapke sunder ahsaso se bhari kavita hai....magar agar pyaar hai to dikhega jaroor,ankhein jhhuth nahi bol sakti,or aap jis dukh se gujar rahe hai kabhi nahi chahenge aapka pyar kisi bhi dukh se gujre..bhavuk ho ke aap kah to jayene,,par unki ankhon me aap nami kya dekh payenge??kahiya?
behatareen
lovely
बहुत उत्तम
dil ki taaron ko jhankaar de di aapne om ji...
very nice...
मैं चाहता हूँ
वो भी गुजरे उस स्थिति से,जिससे मैं गुजरता हूँ उसकी आँख में देख कर
kitni gehri baat bas thodee alfaz mein bayan ki hai,sahi samnewale ko bhi kabhi wo ehsaas ho,sunder bhav badhai.
UFF............KYAA BAAT LIKHI HAI OM JI....SACH HAI ,...KABHI UNKO BHI TO MERE DARD KA EHSAAS HONA CHAHIYE..... SHAAYED YE BHI PYAAR KA EK MUKAAM HAI......
KUCH HI LAINO MEIN AP HAMESHA BAHOOT GAHRI BAAT BOL DETE HAIN OM JI.....AAPKO PADHNA HAMESHAA SAKOON DETA HAI MAN KO....
khoobsurat rachna
ऐसे में एक आह निकलती है ,
साथ दुआके ...
वाह बहुत खूब... बधाई स्वीकारें!
:) हा-हा-हा!!! चौंक गए! याद आया...
अब सिरिअस बात:
जो बात मुझे आपकी लेखन की सबसे अच्छी लगती है वो यह की इसमें एक सरस प्रवाह है... छोटी-छोटी घटनाएँ, और ऐसे एहसास जो अमूमन सभी को होते है बस वो ऐसे भी उसे बोलना नहीं चाहता... मेरे जैसा आलसी आदमी तो खास कर इतनी जेहमत नही उठाता. लेकिन आप ये लिंक दे देते है... बड़ी ही धरा प्रवाह से... शब्द भी आसन होते है... गर्मी में घडे की पानी की तरह एक बार में ही गले को तर करती नीचे उतरती है.... यह मैं सिर्फ इस कविता पर नहीं कह रहा आपकी लेखन के अब तक का सार कह रहा हूँ.... मुझे कुछ लाइंस याद रह गयी है आपकी... शुक्रिया
तो बहुत खूब! बधाई स्वीकारें....
rachana gahari aur sundar hai .
जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई.
( Treasurer-S. T. )
प्रेम रस मे भीगी कविता ....अहसास करती है किसी तड़प का , विछोह के डर का ...
वो भी गुजरे उस स्थिति से, बहुत ही सुन्दर दिल को छूते शब्दों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति.........
क्या बात है भाई..
एक अजीब सा एहसास ।बहुत सुन्दर रचना है।बधाई।
gazab ki abhivyakti, om ji kamaal kar diya, gine chune shabdon men , wah.
बहुत ही उम्दा अभिव्यक्ति. आभार.
fursat se aayi, itmenan se kaafi kuch padha...ek sukoon aur khushbhu si bhar gayi...maun ke khali ghar me.
aap behad khoobsoorat likhte hain. seedha, saccha aur dil ko chhoota hua.
बेहतरीन प्रस्तुति
वीनस केसरी
choti,sehaj,aur sunder abhivyakti.
बहुत बढ़िया.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ऒम जी,
सुन्दर भाव प्रस्तुत करती आपकी प्रभावशाली अभिव्यक्ति.
अत्यन्त सुंदर! श्री कृष्ण जनमाष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें!
kahte hain bure din dushman ko bhi naseeb na ho
aur aap hai ke .......
del ka dard vyakti karti sundar abhivyakti hai meri badhayi swikaar kare
saadar
praveen pathik
9971969084
bahut sahi likha aapne...... usey bhi to aakhir pataa chale...... poore dard ko shabdon se hi kah diya aapne......
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