मुझको भी कोई तरकीब सीखा ए यार जुलाहे तुझको देखा है अक्सर ताना बुनते जब कोई धागा टूट गया या ख़त्म हुआ बाँध के उसमे कोई और सिरा बुनने लगते हो आगे पर तेरे इस ताने मे कोई गाँठ गिरह बुन्तर की देख नही सकता है कोई मैने तो एक बार बुना था एक ही रिश्ता उसकी सारी गिरहे सॉफ नज़र आती हैं मेरे यार जुलाहे ....
आज गुल्जारिश टच लगा ....आपकी कविता में ....बहुत खूब......
ओर मेरे कई दोस्त जो इस ब्लोगर दुनिया में खासे बड़े लोग है...मुझसे कहते थे की तुम्हे टिप्पणी की क्या जरुरत है ....तुम्हे पढ़ लेते है... मुझे खुद के लिए लिखना होता तो क्यों मै ब्लॉग सार्वजनिक करता ...जानते है कई बार ऐसी टिप्पणी आती है की लगता है इन्हें संजो के रखो.....क्यूंकि वे पोस्ट से बेहतरीन होती है ....टिप्पणी संवाद प्रक्रिया का एक हिस्सा होता है ...कभी कभी असहमति जताने का जरिया ......ओर साबसे महत्वपूर्ण है उस व्यक्ति की प्रतिक्रिया जिसके लिए आपके मन ने भी सम्मान है ....आखिर इस विषय पे उसका क्या सोचना है ....
9 comments:
anupam rachna, thode shabdon men bahut gahri baat kah di hai. badhai.
yah sach hai ki thode se shabdo me bahut kuchh kah jaate ho.....aapnee si kawita
बहती रही
बारिश की नजर मुसलसल...acchha prayog
behad achchha prayog hai shabdon ka..bhavpurn kavita. Mujhe pasand aayi.
Navnit Nirav
बहुत सही है भाई.
गुलज़ार की एक ग़ज़ल पढ़ी थी ...
मुझको भी कोई तरकीब सीखा ए यार जुलाहे
तुझको देखा है अक्सर ताना बुनते
जब कोई धागा टूट गया
या ख़त्म हुआ
बाँध के उसमे कोई और सिरा
बुनने लगते हो आगे
पर तेरे इस ताने मे
कोई गाँठ गिरह बुन्तर की
देख नही सकता है कोई
मैने तो एक बार बुना था
एक ही रिश्ता
उसकी सारी गिरहे
सॉफ नज़र आती हैं
मेरे यार जुलाहे ....
एक अच्छी रचना के लिए बधाई...
गागर मे सागर भर दिया सुन्दर प्रस्तुति आभार्
एक रिश्ता था जो बस ठहर गया था
आज गुल्जारिश टच लगा ....आपकी कविता में ....बहुत खूब......
ओर
मेरे कई दोस्त जो इस ब्लोगर दुनिया में खासे बड़े लोग है...मुझसे कहते थे की तुम्हे टिप्पणी की क्या जरुरत है ....तुम्हे पढ़ लेते है... मुझे खुद के लिए लिखना होता तो क्यों मै ब्लॉग सार्वजनिक करता ...जानते है कई बार ऐसी टिप्पणी आती है की लगता है इन्हें संजो के रखो.....क्यूंकि वे पोस्ट से बेहतरीन होती है ....टिप्पणी संवाद प्रक्रिया का एक हिस्सा होता है ...कभी कभी असहमति जताने का जरिया ......ओर साबसे महत्वपूर्ण है उस व्यक्ति की प्रतिक्रिया जिसके लिए आपके मन ने भी सम्मान है ....आखिर इस विषय पे उसका क्या सोचना है ....
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