Thursday, August 20, 2009

एक और मृत्यु

प्रेम के चक्रव्यूह को


तोड़ना


जानती थी तुम


मैं अभिमन्यु था...मारा गया

27 comments:

अवनीश मिश्रा said...

ओम आर्या जी ,तीन पंक्तियों में आपने एक पूरे संसार को समेट दिया है..बहत खूब...

विवेक said...

मौन के खाली घर में शोर मचाते आपके ये शब्द...बेहद खूबसूरत। मोहब्बत के दायरे में मौजूद हर संभावना आपने कह डाली है आपने इन चंद अल्फाज में।

Kulwant Happy said...

मौन के खाली घर में ओम आर्य के शब्दों की खलबली...एक शानदार अभिव्यक्ति...गागर में सागर में आपने भर दिया।

Unknown said...

W A A H !
W A A H !
W A A H !

vandana gupta said...

om ji
itne gahre bhav kahan se late hain........chand panktiyon mein hi sab kuch simat gaya......waah!
lajawaab

डिम्पल मल्होत्रा said...

ek aisa chakrview jisme jaana aasaan hai...nikalna namumkin.....kavita lajwab awesome....

anuradha srivastav said...

बहुत खूब........

सागर said...

बिलकुल तथस्थ बहुत खूब... यह चार लाइंस बहस और सोचना का कारन बन सकती हैं... खुद को अभिमन्यु बताया... और शहीद भी...

है इसी में प्यार की आबरू... वोह जफा करें मैं वफ़ा करूँ...

रश्मि प्रभा... said...

chand panktiyon mein gajab ki bhawna...

विनोद कुमार पांडेय said...

Bahut Bhavpurn..sundar..

Renu goel said...

चंद पंक्तियों में बहुत खूबसूरत बात कह दी आपने ...प्रेम के चक्रव्यूह को तोड़ दिया ..

Pankaj said...

ओम आर्या जी ,तीन पंक्तियों में आपने एक पूरे संसार को समेट दिया है

Vinay said...

वाह, वाह! चार लाइना तो ख़ूब है
---
मानव मस्तिष्क पढ़ना संभव

kshama said...

Chand alfazon me sara jahana samet liya!

वन्दना अवस्थी दुबे said...

शोर मचा रहे हैं दिमाग में आपकी ये चार पंक्तियां!!कैसा कमाल करते हैं आप!

अनिल कान्त said...

kam shabdon mein gahri baat

Rakesh 'Soham' said...

कम शब्दों में बहुत कह देने की कला है आप में, वो भी इतनी खूबसूरती से कि मज़ा आ गया . कुछ इस तरह कि -

'आह
घुटन ने
घुटने
टेक दिए
लो मैं
टूट गया !'
० राकेश 'सोहम'

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

kamaal kar diya ek baar phir se OM ji....

अर्चना तिवारी said...

वाह ! बहुत सुंदर

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

kya kahun ab.......???????????

kamaal

kar

diya

aapne........

Chandan Kumar Jha said...

कम शब्दों में बेहतरीन अभिव्यक्ति. आभार.

दर्पण साह said...

ch ch ch !!
:(
(abla purush teri yahi kahani)

Apperna said...

char pankthiyon mein itne gehari baat keh gaye? atisundar.

pooja joshi said...

कम शब्दों में बहुत खुब अभिव्यक्ति...

Anonymous said...

very beautiful!
मैं अभिमन्यु था...मारा गया
such a nice post! Bravo!

आदित्य आफ़ताब "इश्क़" aditya aaftab 'ishq' said...

ओम भाई अभिमन्यु प्रेम में मारा गया ! निशब्द हूँ ,मरने के बाद कोई क्या बोले ?

दिगम्बर नासवा said...

मैं अभिमन्यु था...मारा गया

KAMAAL ........ SIPLY GREAT OM JI ...... 4 LAAINO KE AAGE KUCH KAHNA VYARTH HAI .......