एक हाथी है जो घोड़े बेच कर सो रहा है
जबकि जंगल में हाहाकार मचा है
कोई उसे जगाने जाए
तो वह पागल होने लगता है
एक समाचार है
जो लगातार तोड़ने के प्रयास में है
वह न तोड़ पाने के दबाव में टूटता जा रहा है
एक समाचार वाचक है जो जानबूझकर भूल गया है
समाचार और विचार में फर्क
उसका सारा जोर इस बात पर है
कि किस तरह समाचार में विचार जोड़ा जाए, आवाज का हथोड़ा जोड़ा जाए
कि वह ब्रेकिंग हो जाए
आप कह सकते हैं
कि हाथी के घोड़े बेच कर सोने वाली बात में समाचार और समाचार वाचक क्या कर रहा है
तो मैं कहूंगा हाथी की नींद
इसलिए नहीं टूट रही क्योंकि समाचार टूट गया है!
1 comment:
Wah Om Ji
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