(1)
पहले
तो तुमने छेड़ दी तारऔर अब
जब संगीत बजने लगा है तो
कान बंद कर लिए तुमने !
(2)
जो हाथ
पास आकर
कंधे पे आ जाते थेवे अब यूँ हीं जेब में पड़े रहते हैं.
(३)
शामें
अब कुछ यूँ गुजर जाती हैकि बैठना नही हो पाता
अपने पास
ख़ुद को महसूसते हुए
(५)
दुःख भी दो तरह के होते हैं
एक तो होता है
और दूसरा, कोई देता है