उसने कहा-
रिश्ते की शुरुआत लम्बी होनी चाहिए
उसने कहा कि
हर रिश्ते की एक उम्र होती है
और वो शुरूआती दौर में तय हो जाती है
जितनी तेजी से आप उस आरम्भ को ख़त्म कर देते हैं
उतनी जल्दी अंत शुरू हो जाता है
इसलिए
रिश्तों को अच्छी उम्र गर देनी हो
तो धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहिए
छोटे-छोटे कदमों से
उसने यह भी कहा कि
शुरुआत को लम्बा रखना
उस स्थिति में भी अच्छा होता है
जब उससे बाहर आना होता है
अगर हम तेज चल गए होते हैं
तो हमें वापसी में ज्यादा दूरी तय करनी होती है
और हमारे टखनों में ज्यादा दर्द होता है
मैंने कहा-
कि कुछ लोगों के पास
इतना वक्त बचा नहीं होता कि
शुरुआत को लम्बा रखते हुए
रिश्ते को उसके मोकाम तक पहुंचा सके
उसने कहा कि
रिश्ते की उम्र जिदगी की उम्र से बड़ी होनी चाहिए
और रिश्ता जिंदगी के बाद भी
मोकाम तक पहुँच सकता है.
मुझे उसका ये सब कहना अच्छा लगा था
तब भी, जब मेरे पास वक्त नहीं था
13 comments:
waah bhai ...dil ka ek sach kaha aapne ...bahut achchha laga
उसने कहा कि
रिश्ते की उम्र जिदगी की उम्र से बड़ी होनी चाहिए
और रिश्ता जिंदगी के बाद भी
मोकाम तक पहुँच सकता है.
ये पंक्तियाँ जिसने ने भी कही है बहुत खुब कही है......
क्योकि कुछ रिश्ते समय से परे जाकर भी जीवित रहते है!
bahut sunder abhivyakti hai ye rishte bhi ajeeb rishte kabhi aag to kabhi thhandi baraf umar? bas ek haraf ugte hain suhane lagte hain fir beh jate hain meghon ki tarah badali ki umar jese
आज कतार में आगे हूँ वो भी दिल से........!
उसने कहा कि
हर रिश्ते की एक उम्र होती है
और वो शुरूआती दौर में तय हो जाती है
जितनी तेजी से आप उस आरम्भ को ख़त्म कर देते हैं
उतनी जल्दी अंत शुरू हो जाता है
इसलिए
रिश्तों को अच्छी उम्र गर देनी हो
तो धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहिए
छोटे-छोटे कदमों से
लग तो रहा की उसने जो कहा सही कहा ...तो आप शुरुआत धीरे- धीरे जारी रखें.........
उसने कहा कि
हर रिश्ते की एक उम्र होती है
और वो शुरूआती दौर में तय हो जाती है
जितनी तेजी से आप उस आरम्भ को ख़त्म कर देते हैं
उतनी जल्दी अंत शुरू हो जाता है
इसलिए
रिश्तों को अच्छी उम्र गर देनी हो
तो धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहिए
छोटे-छोटे कदमों से
sahi kaha.sahaj pake so
meetha hoye.
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण रचना!
आप का ब्लाग बहुत अच्छा लगा।
मैं अपने तीनों ब्लाग पर हर रविवार को
ग़ज़ल,गीत डालता हूँ,जरूर देखें।मुझे पूरा यकीन
है कि आप को ये पसंद आयेंगे।
mujko uska yeh kahna achha laga tab bhi jab mere pass waqat nahi tha....sach kaha aapne
यकीनन हर रिश्ते की एक उम्र होती है....कुछ वेंटीलेटर पर दिन गुजारते है ....
rishta wahi rishta hai jo ek umra ke baad bhi jivit rahe............chahe kaise bhi bane magar ho aisa ki ik umra ke baad bhi kisi ke ahsaason mein zinda rahe.
कुछ रिश्ते ता उम्र अपनी चमक नहीं खोते हैं ..
अत्यन्त प्रभावशाली रचना है
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तख़लीक़-ए-नज़र । चाँद, बादल और शाम । गुलाबी कोंपलें । तकनीक दृष्टा
uski baat mujhe bhi achchhi lag rahi hai...aur sachchi bhi
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