(1)
कुछ रंग हैं कुवाँरे
रखे मेरे पास
इस होली पे
सोंचता हूँ
निकालूँ उन्हें
पर तभी जब
तुम अपनी मांग सामने कर दो
(2)
आज होली के दिन आओ
अपने होंठो पे रंग रख के,
गर तेरी इजाज़त हो
तेरे लबों पे
अपना गुलाबी इश्क रख दूँ
(3)
होली आने के
बहुत पहले से हीं
हवा हर ओर
फैला रही है
गुलाल
प्रकृति का गुलाल- धूल
5 comments:
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ सब रंग बहुत अच्छे लगे बहुत बढ़िया
कुछ रंग हैं कुवाँरे
रखे मेरे पास
इस होली पे
सोंचता हूँ
निकालूँ उन्हें
पर तभी जब
तुम अपनी मांग सामने कर दो
वाह बहुत सुन्दर प्रस्तुति। होली मुबारक।
बहुत सुन्दर और नाजुक अभिव्यक्ति!!
आपको होली की मुबारकबाद एवं बहुत शुभकामनाऐं.
सादर
समीर लाल
BAHUT HI UMANG BHARI AUR BHAVBHINI PRASTUTI.
बहुत उम्दा रंग हैं भाई. बहुत खूब. होली की हार्दिक शुभकामनाएं.
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