Sunday, August 16, 2009

सिर्फ़ मन्नतें बदली हैं !

वही दर है
वही मैं

सिर्फ़ मन्नतें बदली हैं

कभी मांगता था
कि तू जिंदगी में आ जाए
और अब मांगता हूँ
कि तू बस और याद न आए

36 comments:

पारुल "पुखराज" said...
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M VERMA said...

मन्नते बदलती ही रहती है
बहुत सुन्दर रचना

पारुल "पुखराज" said...

insaan badal jaate hain...mannaton ki kya bisat....और अब मांगता हूँ
कि तू बस और याद न आए ...ye badhiya hai...

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया!!!

अनिल कान्त said...

क्या बात कह दी जी....बेहतरीन

Meenu Khare said...

सुन्दर.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

समय हर धाव भर देता है..समय की बात है

Anonymous said...

बहुत सुन्दर रचना.

Razi Shahab said...

बहुत सुन्दर रचना

Sonalika said...

khoobsurt rachana

Neeraj said...

Om sahab,
Bahut badhiya rachna...
Kise bhool rahen hain...

Kusum Thakur said...

बहुत खूब कहा अपने.

Sudeep Dwary said...

bahut achchha hai Om Sahab .....
jinhe ham bhoolna chaahein wo aksar yaad aate hain ...

kshama said...

छोड़ दो करना ,नयी मन्नतें !
शायद पुरानी बात बन जाए..

vandana gupta said...

waah aur aah.........dono ek sath nikalti hain is post ko padhkar........waah aapki behtreen soch ke liye aur aah us dard ke liye jisko jikar ye post likhi gayi.

संजय भास्‍कर said...

मन्नते बदलती ही रहती है
बहुत सुन्दर रचना
thanks
mr. arya

vikram7 said...

कभी मांगता था
कि तू जिंदगी में आ जाए
और अब मांगता हूँ
कि तू बस और याद न आए
वाह अति सुन्दर

Renu goel said...

जिन्हें हम भूलना चाहें वो अक्सर याद आते हैं ....

harish said...

उन्हें भूलने की कोशिशों में हम खुद ही के न रहे ....

Mithilesh dubey said...

कि तू बस और याद न आए.......bhai wah kya bat hai. lajvab marmik rachna, es rchna ke liye badahi swikaren.

संजीव गौतम said...

सुन्दर रचना

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

bahut badhiya om ji

mehek said...

waah chotisi line mein gehre bhav,mannate badli hai,bahut khub

दिगम्बर नासवा said...

समय समय का फेर है............ पर अगर पहली बात मानी जाती तो आप दूसरी की दुआ करते क्या.............. लाजवाब अभिव्यक्ति है ओम जी ............ दिल को सुकून पहुंचती रचना है.......

डिम्पल मल्होत्रा said...

bhulane ki tumko nikalenge surat,bhane banege bnate bnate....कि तू बस और याद न आए..kitna bebas hoke ye kaha hoga.....

vallabh said...

दर्द है....
वाकयी अच्छी रचना...

रंजना said...

WAAH !!! Thode me gahre bhaav bikher diye aapne...

Aap sitamadhi se hain,yah jankar badi prasannta hui.

गौतम राजऋषि said...

इश्क की इंतहा और कविता या कयामत????
सुभानल्लाह...

Chandan Kumar Jha said...

अतिभाव पूर्ण रचना.सुन्दर.

Urmi said...

वाह ! क्या बात है! चंद लाइनों में आपने बड़े ही सुन्दर रूप से लिखा है! मन्नते बदलती रहती हैं ये बात बिल्कुल सही है!

विनोद कुमार पांडेय said...

वाह..ओम जी कितनी सुंदर अभियक्ति प्यार की...मन्नते माँगना और भी याद ना आए.
बहुत खूब लिखा...

chandan said...

behtarin

सदा said...

कभी मांगता था
कि तू जिंदगी में आ जाए
और अब मांगता हूँ
कि तू बस और याद न आए

बहुत ही सुन्‍दर दिल को छूते शब्‍द ।

TRIPURARI said...

एक दबी हुई तमन्ना जग गई । बहुत सही कहा है आपने । बहुत बधाई । लिखना जारी रखिए...

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

kya likha hai aapne........ तू बस और याद न आए


baaat to sahi hai....... kahte hain ki waqt ke saath ghaav bhar jaata hai......... bhar to jaata hai par nishan chhod jaata hai...... aur yahi nishan phir hamein yaad aate hain.........


bahut hi behtareen rachna.......


deri se aa ke comment dene ke liye muaafi chahta hoon........ aaj hi lauta hoon.....

Apperna said...

uttam rachna hai. bahut dard hai isme. Kise bhoolna chahte hain?