waah aur aah.........dono ek sath nikalti hain is post ko padhkar........waah aapki behtreen soch ke liye aur aah us dard ke liye jisko jikar ye post likhi gayi.
समय समय का फेर है............ पर अगर पहली बात मानी जाती तो आप दूसरी की दुआ करते क्या.............. लाजवाब अभिव्यक्ति है ओम जी ............ दिल को सुकून पहुंचती रचना है.......
baaat to sahi hai....... kahte hain ki waqt ke saath ghaav bhar jaata hai......... bhar to jaata hai par nishan chhod jaata hai...... aur yahi nishan phir hamein yaad aate hain.........
bahut hi behtareen rachna.......
deri se aa ke comment dene ke liye muaafi chahta hoon........ aaj hi lauta hoon.....
36 comments:
मन्नते बदलती ही रहती है
बहुत सुन्दर रचना
insaan badal jaate hain...mannaton ki kya bisat....और अब मांगता हूँ
कि तू बस और याद न आए ...ye badhiya hai...
बहुत बढिया!!!
क्या बात कह दी जी....बेहतरीन
सुन्दर.
समय हर धाव भर देता है..समय की बात है
बहुत सुन्दर रचना.
बहुत सुन्दर रचना
khoobsurt rachana
Om sahab,
Bahut badhiya rachna...
Kise bhool rahen hain...
बहुत खूब कहा अपने.
bahut achchha hai Om Sahab .....
jinhe ham bhoolna chaahein wo aksar yaad aate hain ...
छोड़ दो करना ,नयी मन्नतें !
शायद पुरानी बात बन जाए..
waah aur aah.........dono ek sath nikalti hain is post ko padhkar........waah aapki behtreen soch ke liye aur aah us dard ke liye jisko jikar ye post likhi gayi.
मन्नते बदलती ही रहती है
बहुत सुन्दर रचना
thanks
mr. arya
कभी मांगता था
कि तू जिंदगी में आ जाए
और अब मांगता हूँ
कि तू बस और याद न आए
वाह अति सुन्दर
जिन्हें हम भूलना चाहें वो अक्सर याद आते हैं ....
उन्हें भूलने की कोशिशों में हम खुद ही के न रहे ....
कि तू बस और याद न आए.......bhai wah kya bat hai. lajvab marmik rachna, es rchna ke liye badahi swikaren.
सुन्दर रचना
bahut badhiya om ji
waah chotisi line mein gehre bhav,mannate badli hai,bahut khub
समय समय का फेर है............ पर अगर पहली बात मानी जाती तो आप दूसरी की दुआ करते क्या.............. लाजवाब अभिव्यक्ति है ओम जी ............ दिल को सुकून पहुंचती रचना है.......
bhulane ki tumko nikalenge surat,bhane banege bnate bnate....कि तू बस और याद न आए..kitna bebas hoke ye kaha hoga.....
दर्द है....
वाकयी अच्छी रचना...
WAAH !!! Thode me gahre bhaav bikher diye aapne...
Aap sitamadhi se hain,yah jankar badi prasannta hui.
इश्क की इंतहा और कविता या कयामत????
सुभानल्लाह...
अतिभाव पूर्ण रचना.सुन्दर.
वाह ! क्या बात है! चंद लाइनों में आपने बड़े ही सुन्दर रूप से लिखा है! मन्नते बदलती रहती हैं ये बात बिल्कुल सही है!
वाह..ओम जी कितनी सुंदर अभियक्ति प्यार की...मन्नते माँगना और भी याद ना आए.
बहुत खूब लिखा...
behtarin
कभी मांगता था
कि तू जिंदगी में आ जाए
और अब मांगता हूँ
कि तू बस और याद न आए
बहुत ही सुन्दर दिल को छूते शब्द ।
एक दबी हुई तमन्ना जग गई । बहुत सही कहा है आपने । बहुत बधाई । लिखना जारी रखिए...
kya likha hai aapne........ तू बस और याद न आए
baaat to sahi hai....... kahte hain ki waqt ke saath ghaav bhar jaata hai......... bhar to jaata hai par nishan chhod jaata hai...... aur yahi nishan phir hamein yaad aate hain.........
bahut hi behtareen rachna.......
deri se aa ke comment dene ke liye muaafi chahta hoon........ aaj hi lauta hoon.....
uttam rachna hai. bahut dard hai isme. Kise bhoolna chahte hain?
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