वो ठीक मेरे
एहसास से लग कर सोती है आजकल
और मैं
अपनी नींद में उसे देखते हुए
कभी-कभी जब
जाग जाते हैं मेरे एहसास उससे पहले
तो रोकता हूँ उनका उठना
ताकि नाजुक नींद टिकी रहे उसकी
और मैं देख सकूँ वही सब जाग कर
जो देखता हूँ सोते हुए
उसकी नींद यूँ लगती है जैसे
भीतर हीं भीतर
कर रहा होऊं मैं
उसके ख्वाब से कोई ठिठोली
और उतर रही हो लाली उसके गाल पर
कभी-कभी हम रजाई बन जाते हैं
और समेटते हैं सिहरन
एक दूसरे की,
हमें देख कर सूरज भी आसमान लपेट लेता है
और सोया रहता है देर तक
मैं चाहता हूँ कि
वो जागे कभी गर मुझसे और सूरज से पहले
तो उठे नहीं बिस्तर से
बस करवट लेकर कविता में आ जाए
ताकि सबसे सुन्दर प्रेम कविता लिखी जा सके उस दिन
और मैं जानता हूँ कि
ये जरा भी मुश्किल नहीं है
सिर्फ उसे पता भर लगने की देर है
पर मैं बताने के बजाय इंतज़ार करता हूँ
अच्छी चीजों का इंतज़ार कितना अच्छा होता है न !
20 comments:
अच्छी चीजों का इंतज़ार कितना अच्छा होता है न !
वाकई में.... सही कह रहे हैं आप....
ॐ भैया राम राम,
बहुत ही बढ़िया लिखे हैं!
आजकल आते नहीं हो हमारे ब्लॉग पर....
व्यस्त हो गए लगते हो!
और वो उठे नही करवट ले कर आ जाये कविता मे---- लाजवाब अभिव्यक्ति है
तभी तो आज कल आप और भी अच्छा लिखने लगे हो। बहुत बहुत शुभकामनायें
बहुत बढिया.
कभी-कभी जब
जाग जाता हूँ उससे पहले
तो रोकता हूँ अपना उठना
ताकि उसकी नाजुक नींद टिकी रहे
और फिर
अच्छी चीजों का इंतज़ार कितना अच्छा होता है न !
बशर्ते,
इंतजार महज़ इंतजार न रह जाये.
Bas karvat lekar kavita me aa jay..aah!
सही कहा..
बहुत उम्दा रचना!
bahut badhiya.
कभी-कभी जब
जाग जाते हैं मेरे एहसास उससे पहले
तो रोकता हूँ उनका उठना
ताकि नाजुक नींद टिकी रहे उसकी
और मैं देख सकूँ वही सब जाग कर
जो देखता हूँ सोते हुए
अद्भुत!!
उसके ख्वाब से कोई ठिठोली
और उतर रही हो लाली उसके गाल पर
aur
वो जागे कभी गर मुझसे और सूरज से पहले
तो उठे नहीं बिस्तर से
बस करवट लेकर कविता में आ जाए
कमाल की कल्पना... क़यामत बुन देते हो बॉस
जागे है देर तक
कुछ देर तो सोने दो....
जो खवाब अधूरे है अभी.....पूरा तो होने दो........गुलज़ार...
पर ओम जी .एक सच्ची बात कहूँ .आपके लेवल का टेस्ट आज मिस किया....
अनुराग जी, जब टेस्ट मिस करें तो जरूर कहें...भले हीं टेस्ट मिल जाए तो ना कहें...
बहुत शुक्रिया...
अगली बार कोशिश करूंगा...
होली की शुभकामनाएँ...
achchhi kavita...
आपको तथा आपके समस्त परिजनों को होली की सतरंगी बधाई
आपको और आपके परिवार को होली पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.
अच्छी कविता का इंतज़ार खत्म हुआ ।
सही कहा..
बहुत उम्दा रचना!
और मैं जानता हूँ कि
ये जरा भी मुश्किल नहीं है
सिर्फ उसे पता भर लगने की देर है
पर मैं बताने के बजाय इंतज़ार करता हूँ
अच्छी चीजों का इंतज़ार कितना अच्छा होता है न !
..और हम लोग अक्सर सोचते हैं कि कुछ भी हमारे हाथ मे नही होता है..कोई खुशी, कोई ख्वाब...मगर आपकी कविता को पढ़ कर याद आता है कि फिर भी कितनी छोटी-छोटी बातें, छोटी-छोटी खुशियाँ हमारे हाथ मे ही होती है..बस हम समझ पायें..जिंदगी यूँ भी खूबसूत होती है अक्सर..
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