जब भी चूम लेता हूँ श्वेत-श्याम तस्वीर में तेरे होठों को, वे सुर्ख लाल हों जाती हैं are baap re !! colour lab ka kaam kar rahe hain ka ? ha ha ha ha bahut sundar abhivyakti.. नवरात्र की हार्दिक बधाई।
waah omji ........ mazaa aa gaya........ surkh laal ho jaati hain........laajawaab.........
Deri se aane ke liye muaafi chahta hoon...... Reason aapko maloom hi hai....eid ki wajah se Gorakhpur mein tha...... apka SMS mila tha...... par mere mobile ne dhokha diya hua tha..... isliye jawaab nahi de saka...... Sorry for dat....
33 comments:
जब भी चूम लेता हूँ
श्वेत-श्याम तस्वीर में
तेरे होठों को,
वे सुर्ख लाल हों जाती हैं ...tasveer me bhi jaan dal de apki kavita.....lajwab...
ओम भाई तस्वीरो में भी ऐसी बात
सुन्दर कल्पना
ॐ जी आपने घायल करने वाली लाइन लिख दिन आज फिर हम दिन भर घायल रहेंगे, आनंद आ गया,
LaaZwaab..char laayine par behtareen..badhayi..
लाजवाब कल्पना बहुत बहुत बधाई इस रचना के लिये
बेहतरीन
क्या कल्पना किया है
lajawaab kalpana..........badhayi
लाजवाब कल्पना. बधाई .
jaan hi daal di tasveer mein,
ya aankhon ka hi dhokha hai..
वाह-वाह क्या बात है। आपकी ये रचना दिल तक उतर गयी।बहुत खुब, बधाई।
मौन के खाली घर का ये आलाप जीवन का संगीत लगा.
्बहुत बहुत सुन्दर रचना। नवरात्र की हार्दिक बधाई।
पूनम
जब भी चूम लेता हूँ
श्वेत-श्याम तस्वीर में
तेरे होठों को,
वे सुर्ख लाल हों जाती हैं
बहुत सुन्दर...
शब्द सजीव हो उठते हैं आपका हाथ लगते ही..
जब भी चूम लेता हूँ
श्वेत-श्याम तस्वीर में
तेरे होठों को,
वे सुर्ख लाल हों जाती हैं
are baap re !!
colour lab ka kaam kar rahe hain ka ?
ha ha ha ha
bahut sundar abhivyakti..
नवरात्र की हार्दिक बधाई।
wow !!
bus ek door tak jaata WOW !!
ओम भाई .................ओम भाई ................आईई ................लव यू .........................
ओम जी,
भावनाओं का कुशल चितेरा?
क्या इसके सिवाय कुछ और कहा जा सकता है? जान फूंक देते हो शब्दों में।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
Har rachnake..kya kahne!!!
अद्भुत रचना! बहुत ही सुंदर लगा! आपकी कल्पना बहुत ही अच्छी है! नवरात्री की हार्दिक शुभकामनायें!
क्या बात है
बहुत खूब कहा आपने
बहुत शानदार लिखा है आपने...
शायद आप ये लिखने वाले थे।
वे सुर्ख लाल हो जाते हैं
bahut gehri rachna OM ji maharaaj...
ओह!! बहुत गजब!
जब भी चूम लेता हूँ
श्वेत-श्याम तस्वीर में
तेरे होठों को,
वे सुर्ख लाल हों जाती हैं ..
OM JI ........ AB IS ADA PAR KUCH KAHOO BHI TO KAISE ...... AAPKE PYAAR MEIN ITNI SHIDDAT HO TO AISA HONA LAAJIM HAI .......
BAHOOT HI KHOOBSOORAT EHSAAS .....
bahut khoob.....
badhai.....
waah omji ........ mazaa aa gaya........ surkh laal ho jaati hain........laajawaab.........
Deri se aane ke liye muaafi chahta hoon...... Reason aapko maloom hi hai....eid ki wajah se Gorakhpur mein tha...... apka SMS mila tha...... par mere mobile ne dhokha diya hua tha..... isliye jawaab nahi de saka...... Sorry for dat....
bahut khoob .
ye baat dil pe bhi lagu hoti hai
dil to kale koyle jaisa hota hai
jab ishq ki hawa chhul leti hai usko
wo surkh laal ho jata hai.
achchha likh hai aapne.
navnit nirav
बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां ।
पढ़कर दिल बाग-बाग हो गया
इन पंक्तियों से
आपका ब्लाग
मालामाल हो गया।
---
हिन्द युग्म में प्रकाशित कविता भी पढ़ी है---
अच्छा लिखते हैं आप।
aapki ye rachna padh kar ek sher yaad aa gaya----
nazakat unaki kya kahiye ki
areez neele pad gaye
humane to bosa liya tha
khwaab men tasveer ka ....
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