Tuesday, September 29, 2009

तुम्हारा जन्म दिन!


उठो,
देखो खिड़की खोल कर,
बालकनी से झाँक कर
सूरज, लाया है आज
कुछ ख़ास कशीदे बुनकर किरणों की

कई साल पहले
आसमान के तारों पे अपने नन्हे पाँव रखते
उतर आई थी एक एंजेल
जमीन पे
शक्ल उसकी ओस के बूँद सी थी
और खिलखिलाई थी वो
जिंगल बेल की आवाज में

सुनकर,
सूरज नाचा था तब भी
नाचता है आज के दिन हमेशा
और बुनकर लाता है कशीदे

आज भी वही दिन है
आज भी सूरज लाया है
किरणों के वही कशीदे
और नाच रहा है
बिना रुके

आज भी वही दिन है
तुम्हारा जन्म दिन!
है ना !!

31 comments:

दर्पण साह said...

आज भी वही दिन है
आज भी सूरज लाया है
किरणों के कुछ खास कशीदे बुनकर
और नाच रहा है
बिना रुके

lagta hai wakai main kisi ka janm din hai....
meri taraf se bhi shubh kamnaayien

दिगम्बर नासवा said...

वाह जनम दिन का भी बहुत ही लाजवाब अंदाज है ओम जी ....... पर जिसका भी जनम दिन है उसको हमारी भी शुभकामनाएं ......... आपके शब्द किसी और दुनिया में ले जाते हैं .........

Yogesh Verma Swapn said...

janm din ki shubhkaamnayen.

Himanshu Pandey said...

ओस के बूँद वाली तरल सरल किरण-छवि का अदभुत चित्र ।
खूबसूरत रचना । आभार ।

M VERMA said...

उस एंजेल (!) के जन्म दिन पर आपने बहुत लाजवाब उपहार प्रदान किया है.
किरणो के कशीदे --
बहुत खूब

Udan Tashtari said...

आपके साथ साथ उस ऐंजल को हमारी भी जन्म दिन का शुभकामनाएँ.

Urmi said...

बहुत ही ख़ूबसूरत और मासूमियत से भरी प्यारी कविता लिखा है आपने! मेरी तरफ़ से उस छोटी सी प्यारी सी एंजेल को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें दीजियेगा!

आनन्द वर्धन ओझा said...

ओम भाई,
सूरज की किरणों की कशीदाकारी नायाब है ! बड़े स्नेह से काढी है आपने ये नक्काशीदार बुनावट ! अच्छी लगी... उस बिटिया को मेरी ओर से जन्मदिन की बधाई दें और अगर संभव हो तो एक चाकलेट भी ! सप्रीत .आ.

Meenu Khare said...

बहुत बधाई आप के साथ उस प्यारी एंजेल को भी जिसके लिए आपके शब्द स्वयँ कशीदाकारी कर रहे हैं सूरज के साथ साथ.

Alpana Verma said...

bahut sundar kavita...
janamdin kis ka hai?
meri shubhkamanyen dijeeye.

सदा said...

आज भी सूरज लाया है
किरणों के कुछ खास कशीदे बुनकर
और नाच रहा है
बहुत ही भावमय प्रस्‍तुति, हमारी ओर से जिसका भी जन्‍म दिन है आज उनको ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं ।

सागर said...

ओ दूर के मुसाफिर मेरी भी शुभकामनाएं ले ले रे...

mehek said...

आज भी वही दिन है
आज भी सूरज लाया है
किरणों के कुछ खास कशीदे बुनकर
और नाच रहा है
बिना रुके
jazbaaton ka khubsurat snagam,sunder rachana

वाणी गीत said...

खूबसूरत शब्दों से जन्मदिन मुबारक..
उस परी को हमारी भी शुभकामनायें ..!!

निर्मला कपिला said...

आज भी वही दिन है
आज भी सूरज लाया है
किरणों के कुछ खास कशीदे बुनकर
और नाच रहा है
बिना रुके

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है जन्मदिन पर नायाब तोहफा किसी के लिये और क्या हो सकता है बधाई

vandana gupta said...

bahut hi khoobsoorat bhav hain.
jo bhi hai uske liye bahut hi pyar bhare ahsason ke sath likhi hai kavita.badhayi

देवेन्द्र पाण्डेय said...

उठो----से---जिंगल बेल की आवाजों में- तक कविता अच्छी लगी।
मेरी समझ से आगे एक ही पंक्ति --बुनकर लाता है कशीदे किरणों की--का बार-बार दोहराया जाना
कविता के वजन को कम करता है।

रश्मि प्रभा... said...

jaltarang sa janmdin hai jiska
use meri snehil shubhkamnayen.........

Mishra Pankaj said...

ओम भाई यह खाश रचना किसी खाश के लिए ही है :) जन्मदिन मुबारक उस खाश को

वन्दना अवस्थी दुबे said...

शुभकामनायें देने का अनोखा तरीका!! बहुत खूब.

ओम आर्य said...

आप सब का प्यार और स्नेह मिला है उसे, उसके जन्म दिन पर...आभार व्यक्त करना चाहता हूँ. उस एंजेल का नाम 'शेफालिका' है और उसकी तस्वीर पोस्ट में लगी हुई है. दरअसल, वह मेरे परिवार की अगली पीढी की सबसे बड़ी संतान है. और स्पष्ट करुँ तो मेरे सबसे बड़े भैया और भाभी की सबसे बड़ी बेटी. एक बार फिर से, आप सब के स्वर में स्वर मिलाकर...मुबारक जन्म दिन सेफी.

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

wah! kitni gahrai hai ismein to......

us angel ko meri taraf se janmdin ki shubhkaamnayen.........

Chandan Kumar Jha said...

ओह !!! तो यह बात है, जन्मदिन की शुभकामनायें । बहुत ही सुन्दर रचना ।

Sunita Sharma Khatri said...

आपकी कविताए, सचमुच बहुत अच्छी है पर सबसे पहली फोटो यदि आप बदल ले तो अच्छा लगेगा पता नही क्यो यह बहुत डरावना लगता है.........

श्रद्धा जैन said...

waah bahut hi meethi kavita
itna sunder tofha koun de sakta hai

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

bahut sundar......jiska bhi janmdin hai usako meri shubhkamnayen.....aur rachna ke liye badhai

अनिल कान्त said...

बहुत बेहतरीन तौहफा है ये
जिसका भी है मेरी ओर से भी बधाई

अपूर्व said...

वाह..कविता की बच्चों सी निष्कलुष मासूमियत को चूम लेने का दिल करता है..एकदम जॉनसन बेबी्सोप वाली स्निग्ध त्वचा की तरह..चमकदार!!
जन्मदिन की देर से सी सही मगर ढेर सी शुभकामनाओं को यथास्थान पहुँचा दीजियेगा.

ओम आर्य said...

अपूर्व जी को मेरा सहृदय धन्यवाद, मेरी बहुत सारी कवितायेँ पढने के लिए...उसमे से एक चुन कर निकलने के लिए...मैं जल्द हीं एक लिंक शुरू करूंगा जिसमें उन कविताओं को शामिल किया जाएगा, जो आपलोगों द्वारा सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा. एक तरह से मुझे यह आपलोगों द्वारा मदद होगी, क्यूंकि रचनाकार को कभी पता ही नहीं चलता कि उसकी कौन सी रचना कैसी है अगर सुनने वाला न बताये. शुरुआत करने के लिए अपूर्व जी का धन्यवाद. आशा है अन्य मित्रगण भी मदद करने से चूकेंगे नहीं. एक बार पुनः आभार.

admin said...

बहुत सुन्दर। बहुत बहुत बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

ओम आर्य said...

सुनीता जी, मैं कोशिश करूंगा कि एक ऐसी तस्वीर लगा सकूं कि जिसे देख कर डर न लगे. बताने के लिए धन्यवाद.