१)
रात
अमावस की तरफ़ मुंह किए
जा रही थी
और हम खुश थे
कि दिवाली आ रही है !
२)
न तुमने बढ़ाई अपनी लौ
और न मैंने
अपनी बाती
दीया कैसे जलता आख़िर!
३)
बढ़ा दो अपनी लौ
कि पकड़ लूँ उसे मैं अपनी लौ से,
इससे पहले कि फकफका कर
बुझ जाए ये रिश्ता
आओ मिल के फ़िर से मना लें दिवाली !
४)
एक ही लौ होगी हर कहीं
और एक ही ऊर्जा
देख लो चाहे कोई भी दीया हो
या हो कोई भी बाती
५)
तुम्हारे लौ भरे हाथ
बहुत याद आतें हैं
जब भी दिवाली आती है
41 comments:
उन यादों को संभाल कर रखें, बहुत कीमती हैं।
दीपपर्व की अशेष शुभकामनाएँ।
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पर्यावरण और ब्लॉगिंग को भी सुरक्षित बनाएं।
बहुत बढिया रचनाएं हैं बधाई।
शुभदीपावली।
प्यार का सुंदर एहसास दीवाली के रंगो के साथ,
खूबसूरत भाव...बढ़िया रचना..बधाई..ओम जी,
और दीवाली की भी हार्दिक शुभकामनाएँ!!
तुम्हारे लौ भरे हाथ
बहुत याद आतें हैं
जब भी दिवाली आती है
-yah kshanika bahut achchhee lagi.
आप सहित पूरे परिवार को दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
रात
अमावस की तरफ़ मुंह किए
जा रही थी
और हम खुश थे
कि दिवाली आ रही है !
khush to hona hi chahiye.. amawas ki wo raat jab ham roshni ke liye kisi ke mohtaz nahi hote.. khud ek deeya jalate hain...
न तुमने बढ़ाई अपनी लौ
और न मैंने
अपनी बाती
दीया कैसे जलता आख़िर!
to badhaiye janab... deeye ka jalta rahna bahut jaruri hai...
baaki kshanikayein bhi bahut acchi hain...
aapko deepawali ki dheron shubhkamanayein...
रात
अमावस की तरफ़ मुंह किए
जा रही थी
और हम खुश थे
कि दिवाली आ रही है !
सुन्दर कविता .....
ओम भाई आपको और पुरे परिवार को दीपावली की शुभकामनाये
"बढा लो,...
.....................
.....................
मन लें दिवाली... "
......यही तड़प इधर भी है जानेमन...
रात
अमावस की तरफ़ मुंह किए
जा रही थी
और हम खुश थे
कि दिवाली आ रही है !
be-hadd khoobsurat..
shubh deepawali...!!!
bahut badhiya lagi yeh rachna.......
aapko deepawali ki haardik shubhkaamnayen........
waah bahut sunder,jagmati si rachanaye,deepawali ki badhai.
sundar rachana aur deepawali ki badhayi
एक ही लौ होगी हर कहीं
और एक ही ऊर्जा
देख लो चाहे कोई भी दीया हो
या हो कोई भी बाती
दीप पर्व आप की रचनाशीलता को सदा आलोकित करता रहे यही कामना है.
मीनू खरे
झिलमिलाते दीपो की आभा से प्रकाशित , ये दीपावली आप सभी के घर में धन धान्य सुख समृद्धि और इश्वर के अनंत आर्शीवाद लेकर आये. इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए.."
regards
रात
अमावस की तरफ़ मुंह किए
जा रही थी
और हम खुश थे
कि दिवाली आ रही है !
Bada ajeeb sa virodhabaas hai na Oom bhai?
sukh ke bhesh main dhukh aata hai...
...Isliye hi shayad Diwali amavyasya ke din hoti hogi. Kyun?
एक ही लौ होगी हर कहीं
और एक ही ऊर्जा
देख लो चाहे कोई भी दीया हो
या हो कोई भी बाती
'Mera nirakaar ke upar atoot vishwas hai, shayad isliye mujhe ye thodi adhyatmik lagi'
ADWETVAAD !! Shayad.
Sabse behterin...
Baki bhi utkrisht thi !!
रात
अमावस की तरफ़ मुंह किए
जा रही थी
और हम खुश थे
कि दिवाली आ रही है !
बहुत ही सुन्दर दिल को छूते शब्द, अमावस की रात को दीपक का उजाला देना इसतरह, एक दिये को दूजे दिये से रौशन करना, दीपावली की शुभकामनाओं के साथ सदा ।
इससे पहले कि फकफका कर
बुझ जाए ये रिश्ता
आओ मिल के फ़िर से मना लें दिवाली !
bahut badhiya aapko divali ki shubhkamnayen
koee mere baare me kab socta hoga,
main in andhero me bujh gya to kya hoga.
ek diya
तुम्हारे लौ भरे हाथ
बहुत याद आतें हैं
जब भी दिवाली आती है
आपकी यादों का संदूक भी बहुत बडा है हर बार एक नयी अभिव्यक्ति उसमे से निकल आती है बहुत सुन्दर है प्रस्तुति । दीपावली की आपको व परिवार को शुभकामनायें
आपकी कविता की कुछ लाइन मैंने अपने ऑरकुट अकाउंट पर लगाया है, बिना अनुमति... माफ़ करेंगे... मकसद सन्देश देना है...
साभार...
http://www.orkut.co.in/Main#Profile?rl=ls&uid=892887900031987200
रात
अमावस की तरफ़ मुंह किए
जा रही थी
और हम खुश थे
कि दिवाली आ रही है !
बहुत गहरे तक कुरेद दिया. नए अन्दाज मे कहने की अदा आपकी ----- सभी बहुत शानदार
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ...जो भी हो जैसी भी हो आपकी रचना अच्छी लगती है..बधाई!!!
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ...जो भी हो जैसी भी हो आपकी रचना अच्छी लगती है..बधाई!!!
FROM :-
SANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
Ateev sundar rachnayen ! "Bichhad ke apnee batee se diya,ro ro diya"!
DEEP PARVA KI SHUBHKAMANAYE AAPKO/
kyaa baat he bahut badhhiya-
रात
अमावस की तरफ़ मुंह किए
जा रही थी
और हम खुश थे
कि दिवाली आ रही है ! deevali par kuchh nay andaaz me likhi gai kuchh rachnaao ne mujhe hatprabh kiya/ sach to yah he ki saahitya ki poojaa..apane poore shudhdh man se ho rahi he/badhaai aapko/ bahut behtreen likha he/
अत्यन्त उत्तम !
आपको और आपके परिवारजन को
दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयां
एवं मंगल कामनायें.......
bahut khoob. umda. badhaai.
बेहतरीन रचना!! वाह!
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल ’समीर’
एक ही लौ होगी हर कहीं
और एक ही ऊर्जा
देख लो चाहे कोई भी दीया हो
या हो कोई भी बाती
बहुत अच्छी सौगात दी आपने. दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.
ओम भाई,
उजास के पर्व दीपावली पर आपकी पांच कणिकाएं भावों की अनोखी व्याख्या है. विश्वास करें, लौ इतनी बढाऊंगा कि आप उसे पकड़ सकें और दोनों मिलकर, बढ़कर एक हो, प्रकाशमान कर दे दिग-दिगंत ! रिश्ते बुझने न देंगे हम--याकीन है मुझे !! लौ भरे हाथ की यादें बेशकीमती हैं बन्धु !! --आ.
in yaadon kee raushni bani rahe
आपको और आपके परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं.
majhe bhi un haathon ki lo yaad aane lagi apki kavita pad kar....
इस दीपावली में प्यार के ऐसे दीए जलाए
जिसमें सारे बैर-पूर्वाग्रह मिट जाए
हिन्दी ब्लाग जगत इतना ऊपर जाए
सारी दुनिया उसके लिए छोटी पड़ जाए
चलो आज प्यार से जीने की कसम खाए
और सारे गिले-शिकवे भूल जाए
सभी को दीप पर्व की मीठी-मीठी बधाई
स्वर्ग न सही धरा को धरा तो बनाये..
दीप इतने जलाएं की अँधेरा कही न टिक पाए..
इस दिवाली इन परिन्दों के लिए पटाके न चलायें....
तुम्हारे लौ भरे हाथ
बहुत याद आतें हैं
जब भी दिवाली आती है......
ओम जी .... दिवाली पर एक से badh कर एक chanikaaon के tohfe .......... bahoot कमाल लगे ....... दिल में utar गयी seedhe से .......... आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की शुभकामनाएं ...............
दीपावली का सुन्दर प्रसाद है आपकी ये रचनायें । दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें ।
BAHUT HI GAHAN BHAVO SE SAJI RACHNA
DIPAWALI KI HARDIK SHUBHKAMNAYEIN
आओ मिल के फ़िर से मना लें दिवाली !
deewali ki shubkamnaye
अमावास की ओर जाती रात पूर्णिमा के आने की आस भी तो जगती है ...
शुभ दीपावली ...!!
बेहतरीन रचना। रोशनी भरे हाथ वाली के तो क्या कहने।
तुम्हारे लौ भरे हाथ बहुत याद आते है........
ये वाली पसंद आयी..
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