मेरी बांहों पे
अपना सर टिका कर
तुमने जो तय कर दिए थे
मेरी जिंदगी के रास्ते
उन रास्तों से
तुम भी कभी फ़िर गुजरो
तो देखना
उनके दोनों तरफ
गुलमुहर के पेड़ खड़े मिलेंगे
हमेशा अपने लाल फूलों के साथ
वे गुलमुहर के पेड़ वहां पहले नही थे
अपना सर टिका कर
तुमने जो तय कर दिए थे
मेरी जिंदगी के रास्ते
उन रास्तों से
तुम भी कभी फ़िर गुजरो
तो देखना
उनके दोनों तरफ
गुलमुहर के पेड़ खड़े मिलेंगे
हमेशा अपने लाल फूलों के साथ
वे गुलमुहर के पेड़ वहां पहले नही थे
24 comments:
बहुत नाजुक... बहुत अच्छी.
एक बहुत ही खुबसूरत अहसास ...
दिल को छू गयी.
शहिद "अजनबी"
एक बहुत ही खुबसूरत अहसास ...
दिल को छू गयी.
शहिद "अजनबी"
अहसास में ऑक्सीजन
इसे ही तो कहते हैं
बहुत खूब ,सीमित शब्द , गहरे भावार्थ |बधाई और शुभकामनाएं ,हार्दिक धन्यवाद के साथ |
साथ गर्दिश-ए-वक्त ,
तुमने भी बदल दिए रास्ते,
इसी लिए जिन राहों के गिर्द ,
खिलने थे बासंती अमलतास ,
गुलमोहर के फूल अब वहाँ,
खिलते हैं लहू के रंग के साथ ||
गुलमोहर के सुर्ख रंग से भारी आपकी भावनाये इतने कोमल है कि कमल को भी रस्क हो जाये .............
गुस्ताखी माफ.........आप अपनी कोमल को बोलो कि आपकी कविताये पढे..
...............
ताकि आपके कोमल भाव उसे समझ मे आये..........
वाह साहब बहुत बढ़िया कविता लिखी है
---
चर्चा । Discuss INDIA
गुलमुहर के पेड़ वहां पहले नही थे
hmm..pyar ke phool khile gulmohar ke roop me...
bahut hi khoobsoorat bhav hai bilkul gulmohar ki tarah.
उन रास्तों से
तुम भी कभी फ़िर गुजरो
तो देखना
उनके दोनों तरफ
गुलमुहर के पेड़ खड़े मिलेंगे
दस्ते नाज़ुकी से लिखी,........... महीन रिश्तों में ढली ............. लाजवाब रचना
Ji.. Raj Vir ji, ya shaayad yun kahen ki pyar ke ped uge chhyaadar,khubsurat, unche, ghane gulmuhar ke roop men.
बहुत खूबसूरत ख्यालात हैं।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
गुल्मोहर और प्यार का रिश्ता बहुत ही पुराना है
बहुत सुन्दर एह्सास।बढिया रचना है।बधाई।
दिल को छूते शब्द, बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिये आपको बधाई ।
bahut hi komal see nazuk see ehsaas kee kavita. chhoo gayee man ko.
आप्के शब्द दिल के निर्झर से झरते हैं इसीलिये पढ़ने वाले के दिल छू लेते हैं
इस रचना की कमनीयता वस्तुत हृद्य स्पर्श करती है
श्याम सखा श्याम’
खूबसूरत पन्तियाँ हैं कोमल भाव लिए .
नवनीत नीरव
बहुत सुन्दर भावपूर्ण कविता
बहुत बढ़िया बहुत ही खुबसूरत अहसास
shayad prem ki laali gulmohar ke phoolon ki rangat mein ghul gayi !
ओमजी कुछ व्यस्त रही देर से देखी है कविता वैसे मुझे मौन के घर मे आ कर बहुत अच्छा लगता है हर बार एक नई और खूब्सूरत रचना देखने को मिलती है कम शब्दों मे कविता के पूरे भाव को बाँधना कमाल है आभार और बधाई
दिलचस्प .अनोखी...ओर आपके अंदाज में ....
बहुत ही सुंदर भाव के साथ प्यारी कविता लिखा है आपने! मुझे बेहद पसंद आया!
Post a Comment