कविता...तेरे शहर में फिर आसरा ढूंढने निकला हूँ!
rishte ghane ho jate hai.bahut sundar om ji..achcha laga..badhayi..
कुछ भी इश्क में....जायज है .
bahut accha likha hai aapne, maza aa gaya. हिन्दीकुंज
लघुता में बहुत कुछ । आभार ।
बहुत ही सुन्दर वर्णन इश्क की खूबी का . . .
aasma se unchha..sagar se gahra..ishq ankho se anda or kano se bahra...
जिसने इश्क किया है वही समझ सकता है :)
baat ishk ki hai to kahna hi kya
वाह वाह गागर मे सागर अन्दाज़ अच्छा है बधाई
प्रिय ॐ बावरा जी, ''इश्क में और कुछ नहीं होता; आदमी 'बावरा' सा रहता है''
बहुत सुन्दर ओम भाई...
एक सुन्दर अभिव्यक्ति .............इश्क कोहरे से घना होता है बहुत हि सुन्दर पंक्ति ..............बहुत बढिया
बहुत प्यारा तर्क दिया है भाई। इस खूबसूरत सोच के लिए कुबूल फरमाएं बधाई।-Zakir Ali ‘Rajnish’ { Secretary-TSALIIM & SBAI }
ये इश्क होता ही ऐसा है.....बहुत सही लिखा।
Vaah kyaa baat hai........ kuch hi laainon mein gahri baat
वाह साहब!---चर्चा । Discuss INDIA
बहुत सही!!
वाह .... बहुत खूब क्या अंदाज है जिस बात को कहने के लिए लोग उपन्यास की रचना करते हैं वो आपने कितनी सहजता से कुछ ही शब्दों में कह दिया ! बधाई व शुभकामनाएं आज की आवाज
वाह!!!!!!!
वाह कविवर बहुत सुंदर लिखा है, लगता है थोड़ी देर हो गयी आने में.......पिछली रचनाएँ भी अत्यंत भावपूर्ण हैं......यूं ही लिखते रहें......साभारहमसफ़र यादों का.......
वाह वाह क्या बात है! बहुत बढ़िया! सच में जब इश्क हो जाता है तब सामने कुछ भी दिखाई नहीं देता! अच्छी पेशकश!
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21 comments:
rishte ghane ho jate hai.
bahut sundar om ji..
achcha laga..badhayi..
कुछ भी इश्क में....जायज है .
bahut accha likha hai aapne, maza aa gaya.
हिन्दीकुंज
लघुता में बहुत कुछ । आभार ।
बहुत ही सुन्दर वर्णन इश्क की खूबी का . . .
aasma se unchha..sagar se gahra..ishq ankho se anda or kano se bahra...
जिसने इश्क किया है वही समझ सकता है :)
baat ishk ki hai to kahna hi kya
वाह वाह गागर मे सागर अन्दाज़ अच्छा है बधाई
प्रिय ॐ बावरा जी,
''इश्क में और कुछ नहीं होता;
आदमी 'बावरा' सा रहता है''
बहुत सुन्दर ओम भाई...
एक सुन्दर अभिव्यक्ति .............इश्क कोहरे से घना होता है बहुत हि सुन्दर पंक्ति ..............बहुत बढिया
बहुत प्यारा तर्क दिया है भाई। इस खूबसूरत सोच के लिए कुबूल फरमाएं बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
ये इश्क होता ही ऐसा है.....बहुत सही लिखा।
Vaah kyaa baat hai........ kuch hi laainon mein gahri baat
वाह साहब!
---
चर्चा । Discuss INDIA
बहुत सही!!
वाह .... बहुत खूब
क्या अंदाज है
जिस बात को कहने के लिए लोग उपन्यास की रचना करते हैं वो आपने कितनी सहजता से कुछ ही शब्दों में कह दिया !
बधाई व शुभकामनाएं
आज की आवाज
वाह!!!!!!!
वाह कविवर बहुत सुंदर लिखा है, लगता है थोड़ी देर हो गयी आने में.......पिछली रचनाएँ भी अत्यंत भावपूर्ण हैं......यूं ही लिखते रहें......
साभार
हमसफ़र यादों का.......
वाह वाह क्या बात है! बहुत बढ़िया! सच में जब इश्क हो जाता है तब सामने कुछ भी दिखाई नहीं देता! अच्छी पेशकश!
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