और ये बंजारा जिस्म, मेरा
और एक भटकाव है उस मौन में
जो ख़त्म हीं नहीं होता
आँखे तेरी गुम हो गयी आवाज के निशाँ ढूँढती है
वक्त खानाबदोश हो गया है
रोज डेरा बदल लेता है
गाड़ देता है तम्बू , जहाँ भी कोई आहट ,
धुंधली सी भी आहट सुनाई दे जाती है
तेरी आवाज की
बस एक बार वो ध्वनियाँ मिल जाएँ
जिनमे तुम बुलाया करती थी मुझे
तो अपना वक्त उससे टांक दूं
और खत्म करून ये सफ़र.
18 comments:
तो अपना वक्त उससे टांक दूं।
बहुत खूबसूरत बात लिखी है आपने।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
waah !
umda kavita
khalis kavita !
बहुत ही भावपूर्ण रचान है ॐ जी..
भावपूर्ण अभिव्यक्ति
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गुलाबी कोंपलें
बहुत अच्छे लगे इसके भाव शुक्रिया
हाँ मौन के खाली घर मे ऐसे ही भाव उगते हैं बहुत सुन्दर कविता है आभार्
बहुत बढ़िया रचना बधाई.
वक्त खानाबदोश हो गया है
रोज डेरा बदल लेता है
अपना वक्त उससे टांक दूं
और खत्म करून ये सफ़र.
क्या बात कही है ओम जी........... सचमुच कुछ तो चाहिए वक़्त को तारने के लिए और भी वो आवाज़ मिले जिसकी तलाश है............. तो हमेशा हमेशा के लिए बंधने को जे चाहेगा............. बहूत खूब
ek khubasoorat rachana,jisame gaharaaee bahut hai ........jo sirf ek moun ki uapaja ho sakati hai.....sundar bhawanaa
बस एक बार वो ध्वनियाँ मिल जाएँ
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तो अपना वक्त उससे टांक दूं
कितना नाज़ुक मिज़ाज है.
सुन्दर
Waah !!! Shabdon kee lajawaab kalakari ki hai aapne..
Bhavpoorn Sundar rachna...
बस एक बार वो ध्वनियाँ मिल जाएँ
जिनमे तुम बुलाया करती थी मुझे
तो अपना वक्त उससे टांक दूं
-ओह्ह! क्या बात कह गये! वाह!
mere manobhavon ko padhne,samajhne aur hausala badhane ke liye, bahut-bahut shukragujaar hoon aap sabka, aage bhi rahoonga. Aabhar!
wah, umda bhavpurn rachna.
ओम जी,
दिल में गूंजती हुई आवाज को तलाशना कोलाहल से भरे जीवन में खोजना मुश्किल जरूर है असंभव नही।
जिन खोजा तिना पाईयां.....
सुन्दर मनोभावों वाली रचना उम्मीद बंधाती हुई कविता।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
shabd sanyojan bahut umda hai...achhi pakad nazar aayi
www.pyasasajal.blogspot.com
Bohot dinon baad aapke blog pe aayee hun..3 rachnayen padhee...ye sabse adhik dilke qareeb mehsoos huee..
snehsahit
shama
ओम् भाई...
बहुत सुन्दर कविता....
मैं तो हमेशा से आपका फैन रहा हूँ. आपका एक ब्लॉग वेबदुनिया में भी पढ़ा है मैंने.
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