Sunday, June 28, 2009

दो मजबूर लोग !

तुम मजबूर थी

प्यार हो नहीं पाया था तुम्हें



मैं मजबूर था

प्यार हो गया था मुझे

22 comments:

विनोद कुमार पांडेय said...

waah, om ji

do line me kitana bada bhav racha aapne
bahut sundar

dono ke alag alag majboori ki dastan badhiya samjhaya aapne
dhanywaad

admin said...

इस मजबूरी पर कौन निसार न हो जाए।

-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

सदा said...

दिल को छूते शब्‍दों में व्‍यक्‍त मजबूरी.......
बहुत सहजता से व्‍यक्‍त की गई .........बधाई ।

cartoonist anurag said...

bahut khoob, om ji........
main mazboor tha.....
bahut hi sunder rachna ki hai aapne ....

aapne jo mera hosla badaya....uske liye dil se aabhar...

asha karta hun aap aage bhi isi tarah meri hoslaafzai aour margdarshan karte rahenge.....

PREETI BARTHWAL said...

वाह...

MANVINDER BHIMBER said...

मैं मजबूर था
प्यार हो गया था मुझे
bahut sundar

Razi Shahab said...

lajawaab...waahh

परमजीत सिहँ बाली said...

दिल की मजबूरी साफ झलकती है।बहुत सुन्दर!!

डॉ. मनोज मिश्र said...

यह मजबूरी क्यों है?

संध्या आर्य said...

आपकी इस कविता को पढ्कर प्यार के जिस सौन्दर्य का एहसास होता है वह इस कविता से पुर्णत: व्यक्त हो जाता है .............


.....................................
कमजोरियाँ तुम्हारी

कोई नही थी

मेरी थी एक
प्यार करता था तुम्हे--(रचनाकार----बेर्टोल्ट ब्रेख्त)

..................................

Atmaram Sharma said...

बहुत बढ़िया, सुन्दर भाव.

दिगम्बर नासवा said...

bahoot ही khoob ............
आपकी 2 laaine कितना कुछ कह गयी .............. vaise to pyaar mein sab majboor hi hote hain

Vinay said...

बहुत सुन्दर

---
विज्ञान । HASH OUT SCIENCE

वन्दना अवस्थी दुबे said...

कम शब्दों में गहरी बात....लगता है, कहीं गहरी चोट भी खाई है. वरना इतनी शिद्दत के साथ कसक दिखाई न देती....

Abhishek Ojha said...

इस मज़बूरी के एक छोर पर तो हम भी रह चुके हैं ! बड़ी कमों मज़बूरी है :)

Abhishek Ojha said...

*कमों = कॉमन

नीरज गोस्वामी said...

क्या अंदाज़ है आपका...वाह...
नीरज

M VERMA said...

सच ही कहा है कविता शब्दो से नही बनती कविता तो शब्दो से परे है.
इतनी खूबसूरत कविता इतने कम शब्दो मे.
वाह

निर्मला कपिला said...

वाह गागर मे सागर बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है शुभकामनायें

निर्मला कपिला said...

वाह गागर मे सागर बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है शुभकामनायें

alka mishra said...

waah mazbuurii waah

Deepak Tiruwa said...

khoobsurat....wah !